Whatsapp फोटो : फेक है या रियल ?


वॉट्सऐप पर जो फोटो वायरल हो रही हैं, जरूरी नहीं है कि वे रियल ही हों। ऐसे कई ऑनलाइन टूल्स हैं, जिनके जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि फोटो फेक है या रियल ?

फोटो की सच्चाई का पता लगाने में मदद करेंगी ये वेबसाइट्स...

  • fotoforensics .com
  • tineye .com 
  • pipl. com 
  • webmii. com 
  • findexif. com

Whatsapp फोटो : फेक है या रियल ?

इन वेबसाइट्स पर ऐसे कई ऑनलाइन टूल मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप इस बात का पता लगा सकेंगे कि वॉट्सऐप पर आई फोटो फेक है या रियल। हालांकि, इसके लिए उसे सबसे पहले डाउनलोड करना हाेगा। डाउनलोड होने के बाद उसे ऊपर दी गई किसी भी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। कुछ मिनटों में यह हो जाएगा।
ये टूल्स करेंगे आपकी मदद :

1. एरर लेवल एनालिसिस :
fotoforensic एक ऐसी ही वेबसाइट है जो फेक और ऑरिजनल फोटो के बीच फर्क बताती है। यहां कोई फोटो अपलोड करते या फिर URL डालते ही एरर लेवल एनालिसिस (Error Level Analysis) टूल के जरिए फोटो का कम्प्रेशन हीट मैप बनता है। इसे देखकर फोटो के फेक या रियल होने का पता लगाया जा सकता है। कम्प्रेशन मैप फोटो में ब्लैक और व्हाइट डॉटेड को दिखाता है। फोटो का जो हिस्सा कम मैच करता है, वो ज्यादा व्हाइट नजर आता है। हालांकि, इसका अंदाजा लगाने के लिए काफी बारीकी से फोटो की स्टडी करनी होगी। 
Whatsapp फोटो : फेक है या रियल ?


2. डाइजेस्ट :
यह एक दूसरा टूल है। इससे यह पता किया जा सकता है कि वायरल हुआ फोटो कितना पुराना है। इसे वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद इस टूल की मदद से उससे जुड़ी कुछ इनफॉर्मेशन मिलती हैं जिसमें फाइल का नाम और उसकी डेट भी होती है। साथ ही फोटो के कलर चैनल से जुड़ा डाटा मिलता है। ऐसे में कोई इमेज वॉट्सऐप पर आती है तो सबसे पहले इस टूल की मदद से उसकी डेट का पता लगाएं। कई बार पुरानी फोटो को नया बताकर भी वायरल कर दिया जाता है।

Whatsapp फोटो : फेक है या रियल ?


3. फोटो की क्वालिटी का प्रतिशत :
इस टूल के इस्तेमाल से फोटो की JPEG क्वालिटी के बारे में पता चलता है। फोटो को आखिरी बार सेव करने पर उसकी क्वालिटी कितने प्रतिशत थी, ये आपको पता चल जाता है। अगर फोटो की क्वालिटी 100% तक दिख रही है तो उसके फेक होने के चांस कम होते हैं। हालांकि, क्वालिटी कम होने से फोटो फेक ही होगा, यह नहीं माना जा सकता। लेकिन क्वालिटी बहुत ही कम है तो संदेह किया जाना चाहिए।
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4. मेटा डाटा :
जब कोई फोटो खींचा जाता तो उससे जुड़ी इन्फॉर्मेशन जैसे डेट, टाइम, कैमरा मॉडल और कई बार एडिटिंग सॉफ्टवेयर भी सेव हो जाते हैं। ठीक इसी तरह ऑनलाइन फोटो से जुड़ी इन्फॉर्मेशन भी मौजूद होती है। ऑनलाइन ऐसे कई टूल्स हैं जो फोटो की एक्जैक्ट डिटेल्स बता सकते हैं। इसे मेटा डाटा कहते है। इससे भी वॉट्सऐप पर वायरल हुई फोटो की सच्चाई का पता लगाया जा सकता है। हालांकि, ये तरीका फुलप्रूफ नहीं है। मेटा डाटा में आसानी से बदलाव भी किया जा सकता है।

Whatsapp फोटो : फेक है या रियल ?

5. इमेज साइज :
वॉट्सऐप पर आए किसी फोटो काे किसी एडिटिंग सॉफ्टवेयर के सहारे दो-तीन पिक्चर्स को जोड़कर बनाया गया है (यानी फेक है), तब उसमें  कई तरह की गलतियां हो सकती हैं। इससे फोटो की असलियत जानी जा सकती है। लेकिन इसके लिए किसी साफ्टवेयर का नहीं, आपको अपनी आंखों पर भरोसा करना होगा। उदाहरण के लिए ऊपर दिए गए फोटो में आदमी एक बड़े मुर्गे के साथ नजर आ रहा है, लेकिन इतना बड़ा मुर्गा होता ही नहीं।

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6. रिवर्स सर्च :
रिवर्स सर्च करने के लिए आपको या तो फोटो को गूगल पर ड्रैग करना पड़ेगा या फिर पहली स्लाइड में दी गई किसी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। इससे गूगल पर उस फोटो से मिलते-जुलते फॉर्मेट का पता चल जाएगा। यानी अगर किसी फोटो में कोई काट-छांट की गई है या उसमें कोई एड किया गया है तो इसका पता चल जाएगा। ऊपर दिए गए फोटो को देखकर इस बात को आसानी से समझा जा सकता है। 
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