करप्शन के खिलाफ ZERO Rupee Note


करप्शन के खिलाफ तमिलनाडु में 9 साल पहले शुरू हुई एक अनोखी मुहिम देशभर में लोकप्रिय हो रही है। इस मुहिम के तहत ‘5th पिलर’ (Fifth Pillar) संस्था रिश्वत मांगने वालों को 500 रुपए की तरह दिखने वाला Zero Rupee Note देती है। बाद में विजिलेंस टीम उन्हें अरेस्ट कर लेती है। तमिलनाडु में ऐसे 25 लाख नोट बांटे जा चुके हैं। इसका असर ऐसा है कि अब किसी काम के बदले में नोट मांगने वाले इससे डरने लगे हैं।

दरअसल, जीरो रुपी नोट रिश्वत के खिलाफ लड़ाई का क्रिएटिव तरीका है।
  • ‘5th पिलर’ नाम की संस्था ही Zero Rupee Note बनाती है और रिश्वत मांगने वालों को देती है। 
  • अब तक 25 लाख से ज्यादा एेसे नोट बंट चुके हैं। 
  • आज तमिलनाडु के 12 जिलों में 5th पिलर के सेंटर हैं। 
  • हेड ऑफिस चेन्नई में और बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली व राजस्थान के पाली में इसके चैप्टर हैं। 
  • 9 साल में ये मुहिम देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का अनोखा हथियार बन चुकी है। 
  • कैंपेन की प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर लक्ष्मी गुनासेकर बताती हैं, "शुरुआत में हमारा खूब मजाक उड़ाया जाता था। परेशान करने वालों से लेकर परेशान होने वाले तक हम पर हंसते थे, लेकिन हम डटकर खड़े रहे। हटकर कमजोर नहीं हुए।"
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नोट की 4 खासियत :
  1. नोट पर 100 या 500 रुपए की जगह ‘0’ लिखा है। 
  2. भारतीय रिजर्व बैंक के स्थान पर लिखा है ‘भ्रष्टाचार खत्म करो’। 
  3. दो मैसेज- ‘न लेने की, न देने की कसम खाते हैं’ और ‘अगर कोई रिश्वत मांगे तो इस नोट को दें और हमें बताएं।’ 
  4. संस्था का फोन नंबर और ईमेल आईडी नोट पर छपा है। 


भारत में कौन लेकर आया यह आइडिया?

  • कैंपेन की प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर लक्ष्मी गुनासेकरलक्ष्मी कहती हैं- ये नोट तभी काम करता है, जब आप ठान लें कि रिश्वत नहीं देंगे।
  • भारत में यह आइडिया विजय आनंद लेकर आए। वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में थे जब डॉ. बागथ वहां जीरो रुपी नोट बांट रहे थे। विजय को यह एंटी करप्शन टूल जंच गया।
  • तमिलनाडु के 12 जिलों में 5th पिलर (Fifth Pillar) के सेंटर हैं। हेड ऑफिस चेन्नई में और बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली और राजस्थान के पाली में चैप्टर हैं।

कैसे काम करती है टीम?

  • संस्था कई स्तरों पर काम कर रही है। मसलन किसी की कॉल आने पर टीम उन्हें सरकारी विभाग में कौन मदद कर सकता है, इसकी जानकारी देती है।
  • इसके अलावा, लोगों को ये भी सिखाया जाता है कि बिना रिश्वत दिए काम कैसे करवाया जा सकता है। उन्हें अफसर का नाम/पद पूछने और हर फीस की रसीद लेने जैसी बातें भी बताई जाती हैं।
  • जरूरत पड़ने पर टीम के लोग खुद सरकारी दफ्तर में संपर्क करते हैं। उन्हें विजिलेंस और सीबीआई के संपर्क में लाते हैं।
  • कई बार आरटीआई के इस्तेमाल में भी मदद करते हैं।

कहां से मिल सकता है नोट?

  • कोई चाहे तो संस्था की वेबसाइट से भी जीरो रुपी नोट डाउनलोड कर प्रिंट कर सकता है।
  • ये नोट हिंदी के अलावा तमिल, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु में तैयार किए गए हैं।
  • संस्था दो खास प्रोग्राम भी चलाती है।
  • स्कूलों के लिए- ‘स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी’ और कॉलेजों के लिए ‘फ्रीडम फ्रॉम करप्शन’।
  • 5th पिलर अब तक तीन हजार से ज्यादा वर्कशॉप कर चुका है।
  • इसमें रिश्वत देने और लेने वालों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • इस ट्रेनिंग में क्रिएटिव तरीके सिखाए जाते हैं। अब तक हजारों लोग रिश्वत मांगे जाने पर ये जीरो रुपी नोट थमा चुके हैं।



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