हम भारतीय :)
भारत ये शब्द सुनते ही हमारे दिमाग मे कई सारे झंकार एक साथ बजते हैं। और क्यूँ न बजे हमारा देश है ही ऐसा, हमे नाज है खुद के भारतीय होने का।
भारत, एक ऐसा देश जहाँ कदम कदम पर कल्चर बदलते है, भाषाएँ बदलती है। ऐसा देश जहाँ कदम कदम पर राजनीति भी बदलती है। जहाँ के लोग मेहनती होते हैं।
अभी हाल की एक दुखद घटना जिसने हर एक भारतीय, चाहे वो पुवाल के झोपड़े मे से हो या आलीशान बंगलो मे से, सभी को गमगीन कर गए। मिसाइल मैन कहे जाने वाले हमारे पूर्व राष्ट्रपति APJ Abdul Kalam Sir का निधन।
भारत एक ऐसा देश जहाँ अमूमन ऐसी घटनाओं पर राष्ट्रीय शोक घोषित कर ऐसे महान हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित किया जाता है। साथ ही साथ छुट्टी की भी घोषणा की जाती है। Kalam Sir के इच्छा के अनुरूप इस बार सिर्फ राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गयी क्योंकि Sir ने कहा था :
ऐसे मे जब हम भारतियों को छुट्टी मनाने की लत पडी है पर इस बार ऐसा नहीं हो सका तो कहीं न कहीं इस पर बहस होती भी दिखाई दिया। हमारे कार्यस्थल पे कुछ ऐसे लोग दिखे जिन्होने इस पर आपत्ति जताई के छुट्टी घोषित होनी चाहिये। ये शायद ऐसे लोग होंगे जिन्हे काम से कोई लेना नहीं सिर्फ समय काटते होंगे।
बहरहाल, ये जो भी किस्म के लोग हो शायद उन्हें Kalam Sir के कुछ अमिट और अमर कथनो पर गौर करने की जरूरत है। Kalam Sir की एक एक बातें ऐसी है जिनसे भारत ही नहीं वरन पूरे विश्व के मानवजाति का भविष्य सवारा एवं निखारा जा सकता है। Kalam Sir ने कहा था
अब वक्त है नींद से जागने का, सपने देखने का, बड़े सपने देखने का क्यूंकि छोटा सपना देखना पाप है ये भी Kalam Sir हमें सीखा गए। हमें सपने देखने के साथ साथ कोशिश भी करनी होगी क्यूंकि Sir ने एक बात और भी कहा के
सच मे ऐसे वाक्य ही हमें भारतीय का एहसास करती है, हमें सिखाती है के क्यूँ हमें भारतीय होने पर गर्व महसूस करना चाहिये।
भारत एक विविधताओं का देश है, जरूरत है तो हमें अपनी मानसिकता बदलने की और अगर हम ऐसा करने मे कामयाब होते हैं तो यही Kalam Sir को हमारी श्रद्धांजलि होगी।
भारत, एक ऐसा देश जहाँ कदम कदम पर कल्चर बदलते है, भाषाएँ बदलती है। ऐसा देश जहाँ कदम कदम पर राजनीति भी बदलती है। जहाँ के लोग मेहनती होते हैं।
अभी हाल की एक दुखद घटना जिसने हर एक भारतीय, चाहे वो पुवाल के झोपड़े मे से हो या आलीशान बंगलो मे से, सभी को गमगीन कर गए। मिसाइल मैन कहे जाने वाले हमारे पूर्व राष्ट्रपति APJ Abdul Kalam Sir का निधन।
भारत एक ऐसा देश जहाँ अमूमन ऐसी घटनाओं पर राष्ट्रीय शोक घोषित कर ऐसे महान हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित किया जाता है। साथ ही साथ छुट्टी की भी घोषणा की जाती है। Kalam Sir के इच्छा के अनुरूप इस बार सिर्फ राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गयी क्योंकि Sir ने कहा था :
Don’t declare holiday on my death, instead work an extra day if you love me.
ऐसे मे जब हम भारतियों को छुट्टी मनाने की लत पडी है पर इस बार ऐसा नहीं हो सका तो कहीं न कहीं इस पर बहस होती भी दिखाई दिया। हमारे कार्यस्थल पे कुछ ऐसे लोग दिखे जिन्होने इस पर आपत्ति जताई के छुट्टी घोषित होनी चाहिये। ये शायद ऐसे लोग होंगे जिन्हे काम से कोई लेना नहीं सिर्फ समय काटते होंगे।
बहरहाल, ये जो भी किस्म के लोग हो शायद उन्हें Kalam Sir के कुछ अमिट और अमर कथनो पर गौर करने की जरूरत है। Kalam Sir की एक एक बातें ऐसी है जिनसे भारत ही नहीं वरन पूरे विश्व के मानवजाति का भविष्य सवारा एवं निखारा जा सकता है। Kalam Sir ने कहा था
सपना वो नहीं जो हम नींद मे देखें, सपना वो है जो हमें नींद ही न आने दे।
अब वक्त है नींद से जागने का, सपने देखने का, बड़े सपने देखने का क्यूंकि छोटा सपना देखना पाप है ये भी Kalam Sir हमें सीखा गए। हमें सपने देखने के साथ साथ कोशिश भी करनी होगी क्यूंकि Sir ने एक बात और भी कहा के
इंतजार करने वाले को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।
सच मे ऐसे वाक्य ही हमें भारतीय का एहसास करती है, हमें सिखाती है के क्यूँ हमें भारतीय होने पर गर्व महसूस करना चाहिये।
भारत एक विविधताओं का देश है, जरूरत है तो हमें अपनी मानसिकता बदलने की और अगर हम ऐसा करने मे कामयाब होते हैं तो यही Kalam Sir को हमारी श्रद्धांजलि होगी।
We’ll miss u Sir.
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